Department of Hindi
About Department
- To develop interest in Hindi Language & Hindi Literature. - To teach Use of pure Hindi Language . - To teach Countries cultural, social & ethical principals to students. - To teach students the use of Hindi in multimedia sector. - To guide students for job opportunities in multiple.
Vision
“To elevate Hindi Language and Literature with its historical and cultural importance creating linguistic and literary sense among students.”
Mission
- To develop pride for National Language among students.. - To convey glorious history and culture of Hindi Language and Literature to students - To take efforts to make Hindi as Language of International communication
Establishment: 1992
Photo | Name | Qualification | Designation | Resume |
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Mr.R.A.Andoji | M.A. | Head & Assitant Professor | View |
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Dr.R.M.Londhe | M.A.Ph.D. | Assitant Professor | View |
Class |
Curriculum |
Link |
B.A. Part I |
सत्र 1-प्रश्न पत्र क्र. 1 ‘साहित्य जगत्’ (पाठयपुस्तक) संपादक- शिवाजी विश्व. काल्ेहापुर पद्य साहित्य सत्र 2-प्रश्न पत्र क्र. 2 ‘साहित्य जगत्’ (पाठयपुस्तक) गद्य साहित् |
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B.A. Part II |
सत्र 3 प्रश्नपत्र क्र. 3 अस्मितामूलक विमर्श और हिंदी गद्य साहित्य ‘गद्य तरंग’(पाठयपुस्तक) संपादक- शिवाजी विश्व. कोल्हापुर सत्र 3 प्रश्नपत्र क्र. 4 हिंदी संतकाव्य तथा राष्ट्रीय काव्यधारा ‘काव्यामृत’ (पाठयपुस्तक) संपादक- शिवाजी विश्व. कोल्हापुर सत्र 4-प्रश्न पत्र क्र. 5 रोजगार परक हिंदी सत्र 4-प्रश्न पत्र क्र. 6 अस्मितामूलक विमर्श और हिंदी पद्य साहित्य ‘कितने प्रश्न करूँ’ खंडकाव्य (पाठयपुस्तक) -ममता कालिया |
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B.A. Part III |
सत्र 5-प्रश्न पत्र क्र. 7 विधा विशेष का अध्ययन पाठ्यपुस्तक ’दिल्ली ऊँचा सुनती है’ (नाटक) -कुसुमकुमार किताबघर प्रकाशन, अन्सारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-110002 सत्र 5-प्रश्न पत्र क्र. 8 साहित्य शास्त्र सत्र 5-प्रश्न पत्र क्र. 9 हिदी साहित्य का इतिहास सत्र 5-प्रश्न पत्र क्र. 10 प्रयोजनमूलक हिंदी सत्र 6-प्रश्न पत्र क्र. 12 विधा विशेष का अध्ययन ‘दोहरा अभिशाप’ (उपन्यास) -कौशल्या वैसंत्री सत्र 6-प्रश्न पत्र क्र. 13 साहित्य शास्त्र सत्र 6-प्रश्न पत्र क्र. 14 हिदी साहित्य का इतिहास सत्र 6-प्रश्न पत्र क्र. 15 प्रयोजनमूलक हिंदी सत्र 6-प्रश्न पत्र क्र. 16 भाषा विज्ञान एवं हिंदी भाषा |
Sr. No |
Course |
Outcomes |
1. |
बी. ए. भाग- 1 पेपर नं.- 1 ‘साहित्य जगत’ (पाठयपुस्तक) हिंदी कविता ( सत्र- 1) |
1. छात्रों की हिंदी काव्य के प्रति रूचि बढाना। 2. छात्रों को हिंदी के प्रतिनिधि कवियों और उनकी रचनाओं से परिचित कराना। 3. छात्रों में हिंदी भाषा के श्रवण, पठन एवं लेखन की क्षमताओं को विकसित कराना। 4. काव्य-वैविध्य के अध्ययन के माध्यम से छात्रों की वैचारिकता एवं कल्पना शक्ति को प्रेरित करना। 5. काव्य प्रवृत्तियों के माध्यम से राष्ट्र के देश-काल-वातावरण को प्रस्तुत करना तथा उसके प्रति छात्रों के मन में गौरव बढाना। |
2. |
बी. ए. भाग- 1 पेपर नं.- 2 ‘साहित्य जगत’ (पाठयपुस्तक) हिंदी गद्य( सत्र- 2) |
1. छात्रों को हिंदी गद्य की विविध विधाओं से -कहानी, एकांकी, निबंध, रेखाचित्र, संस्मरण, रिपोर्ताज, यात्रावृत्त, साक्षात्कार आदि से परिचित कराना। 2. छात्रों को हिंदी के प्रतिनिधि गद्यकारों और उनकी रचनाओं से परिचित कराना। 3. छात्रों की हिंदी पठन एवं लेखन की क्षमताओं को बढाना। 4. हिंदी गद्य की विविध विधाओं के माध्यम से छात्रों का भावात्मक विकास कराना। 5. छात्रों की विचार क्षमता तथा कल्पनाशीलता को बढाना। |
3. |
बी. ए. भाग-2 सत्र 3 प्रश्नपत्र क्र. 3 अस्मितामूलक विमर्श और हिंदी गद्य साहित्य ‘गद्य तरंग’ (पाठयपुस्तक) संपादक- शिवाजी विश्व. कोल्हापुर |
1. आधुनिक गद्य साहित्य एवं साहित्यकारों का परिचय कराना। 2. छात्रों को हिंदी के आधुनिक प्रतिनिधि गद्यकारों और उनकी रचनाओं से परिचित कराना। 3. आधुनिक गद्य साहित्य के भेदों एवं उपभेदों का परिचय कराना। 4. गद्य के तत्वों का तुलनात्मक अध्ययन कराना। 5. कथा साहित्य एवं साहित्यकारों से परिचय कराना। 6. कथेत्तर साहित्य एवं कथेत्तर साहित्यकारों का परिचय कराना। |
4. |
बी. ए. भाग-2पेपर नं. 5सत्र 4-प्रश्न पत्र क्र. 5 रोजगार परक हिंदी( सत्र- 5 )पाठयपुस्तकः- रोजगार परक हिंदी) संपादक- शिवाजी विश्व. कोल्हापुर |
1.कार्यालय और व्यवसाय में हिंदी प्रयोग का कौशल विकास विकसित करना। 2.पारिभाषिक शब्दावली से परिचित करना। 3.सरकारी पत्राचार के स्वरूप का परिचय कराना। 4.अनुवाद स्वरूप, महत्व तथा उपयोगिता से परिचित कराना। 5.रोजगार परक हिंदी की उपयोगिता स्पष्ट कराना |
5. |
बी. ए. भाग-2 पेपर नं3आधुनिक काव्य (सत्र-3) मध्ययुगीन काव्य पाठयपुस्तकः- मध्ययुगीन एवं आधुनिक काव्य |
1. भक्ति के विविध भेद तथा प्रकारों से छात्रों को परिचित कराना। 2. मध्यकालीन कवियों की भक्ति के महत्व से छात्रों को परिचित कराना। 3. मध्यकालीन कवियों के सामाजिक दायित्व एवं सामाजिक परिवर्तन के महत्व को विशद करना। 4. देश-काल-वातावरणानुरूप मध्ययुगीन कवियों के योगदान को प्रस्तुत करना। 5. मध्ययुगीन कवियों का राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक उत्थान में योगदान विशद करना। 6. कबीरदास, सूरदास, तुलसीदास, मीरॉबाई, बृंद तथा बिहारी के भक्ति विषयक पदों व दोहों का सामाजिक, राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक महत्व विशद करना। 7. आधुनिक पद्य साहित्य का परिचय कराना। |
Sr. No |
Course |
Outcomes |
6. |
पेपर नं.-2बी. ए. भाग-2 पेपर नं 6 आधुनिक काव्य (सत्र-4) पाठ्यपुस्तक - कितने प्रश्न करूॅ (खण्डकाव्य) - ममता कालिया |
1. आधुनिक पद्य साहित्य एवं कवियों का परिचय कराना। 2. छात्रों को हिंदी के आधुनिक प्रतिनिधि कवि और उनकी रचनाओं से परिचित कराना। 3. आधुनिक पद्य साहित्य के भेदों एवं उपभेदों का (प्रबंध एवं मुक्तक काव्य) परिचय कराना। 4.खंडकाव्य और महाकाव्य के तत्वों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करना। 5. छात्रों को हिंदी कवियों से परिचित कराना। 6. छात्रों में हिंदी भाषा के श्रवण, पठन एवं लेखन की क्षमता को विकसित कराना। 7. छात्रों की हिंदी साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाना तथा छात्रों को साहित्य की विविध विधाओं से परिचित कराना। 8.छात्रों में नैतिक मूल्य, राष्ट्रीय मूल्य एवं उत्तरदायित्व के प्रति आस्था निर्माण कराना। |
7. |
बी. ए. भाग-3 पेपर नं.-7 (सत्र-5 ) विधा विशेष का अध्ययनपाठ्यपुस्तक ’दिल्ली ऊँचा सुनती है’ (नाटक) -कुसुमकुमारकिताबघर प्रकाशन, अन्सारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली |
1.नाटककार कुसुमकुमार की बहुमुखी प्रतिभा से परिचित कराना। 2.नाटककार कुसुमकुमार के साहित्य से परिचित कराना। 3.नाटककार कुसुमकुमार की विचारधारा से परिचित कराना। 4.नाटककार कुसुमकुमार के निर्धारित ग्रंथ का सूक्ष्म आलोचनात्मक अध्ययन कराना। 5.लेखिका के नाटककार के रूप में साहित्यिक स्थान को निधा र्रित कराना। |
8. |
बी. ए. भाग-3 पेपर नं.-12(सत्र- 6 ) विधा विशेष का अध्ययनपाठ्यपुस्तक -अंतिम साक्ष्य(उपन्यास) चंद्रकांता अमन प्रकाशन, 1080 सी रामबाग, कानपुर- 12 |
1. उपन्यास क े तात्विक स्वरूप का परिचय देना। 2. उपन्यासकार के कृतित्व एवं कृतित्व से परिचित कराना। 3. रचना विशेष का महŸव समझने एवं मूल्याक ंन करने की क्षमता बढाना। 4.रचना के आस्वादन एवं समीक्षा की क्षमता विकसित कराना। 5.पाठ्यक्रम में निधा र्रित उपन्यास की प्रासंगिकता से अवगत कराना। |
9. |
बी. ए. भाग-3 पेपर नं. 8 (सत्र-5 ) ‘साहित्य शास्त्र’ |
1. भारतीय तथा पाश्चात्य समीक्षा सिद्धांतों तथा हिंदी आलोचना की विविध प्रणालियों का ज्ञान प्राप्त कराना। 2. साहित्य समीक्षा की दृष्टि से विकसित कराना। 3. काव्य(साहित्य) रस स्वरूप, भेद एवं अंगों का परिचय कराना। 4. अंकारों के भेदों-उपभेदों का परिचय कराना। |
10. |
बी. ए. भाग-3 पेपर नं. 13 (सत्र-6 ) ‘साहित्य शास्त्र’ |
1. साहित्य की मर्मग्राहिणी क्षमता का विकास करना। 2. काव्य के विभिन्न अंगों का सामान्य परिचय कराना। 3. गद्य साहित्य के भेदों-प्रकारों का परिचय कराना। 4. छंदों के भेद एवं लक्षणों का परिचय कराना। |
11. |
बी. ए. भाग-3 पेपर नं. 9 (सत्र-5 ) ‘हिदी साहित्य का इतिहास’ (आदिकाल एवं भ्क्तिकाल) |
1. हिंदी साहित्य की आदिकालीन एवं भक्तिकालीन पृष्ठभूमि से परिचित कराना। 2. हिंदी साहित्य के आदिकालीन एवं भक्तिकालीन काल विभाजन एवं नामकरण तथा विशेषताओं से परिचित कराना। 3. हिंदी साहित्य के आदिकालीन एवं भक्तिकालीन इतिहास को कालक्रमानुसार अवगत कराना। 4. हिंदी साहित्य की आदिकालीन एवं भक्तिकालीन परिस्थियों को अवगत कराना। 5 हिंदी साहित्य के आदिकालीन एवं भक्तिकालीन प्रतिनिधि साहित्यकारों के व्यक्तित्व एव कृतित्व को परिचित कराना। 6. हिंदी साहित्य के आदिकालीन एवं भक्तिकालीन साहित्य के भावपक्ष तथा कलापक्ष से अवगत कराना। |
12. |
बी. ए. भाग-3 पेपर नं. 14 (सत्र-6 ) ‘हिदी साहित्य का इतिहास’ (रीति काल एवं आधुनिक काल) |
1. हिंदी साहित्य की रीति कालीन एवं आधुनिक कालीन पृष्ठभूमि से परिचित कराना। 2. हिंदी साहित्य के रीति काल एवं आधुनिक काल के विभाजन एवं नामकरण तथा विशेषताओं से परिचित कराना। 3. हिंदी साहित्य के इतिहास के रीति काल एवं आधुनिक काल को कालक्रमानुसार अवगत कराना। 4. हिंदी साहित्य की रीति कालीन एवं आधुनिक कालीन परिस्थियों को अवगत । 5 हिंदी साहित्य के रीति कालीन एवं आधुनिक कालीन प्रतिनिधि साहित्यकारों के व्यक्तित्व एव कृतित्व से परिचित कराना। 6. हिंदी साहित्य के रीति कालीन एवं आधुनिकालीन साहित्य के भावपक्ष तथा कलापक्ष को अवगत कराना। |
13. |
बी. ए. भाग-3 पेपर नं. 10 (सत्र-5 ) ‘प्रयोजनमूलक हिंदी’ |
1.हिंदी में कार्य करने की रूचि विकसित करना। 2.रोजगार उन्मुख शिक्षा एवं कौशल्य प्रदान करना। 3.पारिभाषिक शब्दावली से परिचित करना। 4.सरकारी पत्राचार के स्वरूप का परिचय कराना। 5.जनसंचार एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यमा े ं से परिचय कराना। 6. अनुवाद स्वरूप, महत्व तथा उपयोगिता से परिचित कराना। 7. रोजगार परक हिंदी की उपयोगिता स्पष्ट कराना |
14. |
बी. ए. भाग-3 पेपर नं. 15 (सत्र-6 ) ‘प्रयोजनमूलक हिंदी’ |
1. आधुनिक जनसंचार माध्यमों में हिंदी के बढते प्रयोग एवं संभावनाओं से छात्रों को परिचित कराना। 2 आधुनिक संदर्भ स्त्रोतों का परिचय प्राप्त कराना। 3. जनसंचार के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का परिचय कराना। 4. अनुवाद का स्वरूप, महत्व, प्रकार आदि से छात्रों को अवगत कराना। 5. हिंदी भाषा के प्रायोगिक, व्यवहारिक एवं तकनीकी रूप के प्रयोग से छात्रों की क्षमता बढाना। |
15. |
पेपर नं. 11 (सत्र-5 ) ‘भाषा विज्ञान एव हिंदी व्याकरण’ |
1. विश्व की समस्त भाषा का अर्थ, स्वरूप, व्याप्ति एवं सीमाओं से छात्रों को परिचित कराना। 2. विश्व की समस्त भाषा की व्युत्पत्ति व विकास से छात्रों को परिचित कराना। 3. भाषा के विभिन्न रूपों का परिचय कराना। 4. हिंदी शब्द, हिंदी भाषा एवं हिंदी शब्द-समूह का परिचित कराना। 5. हिंदी भाषा एवं लिपि के उद्भव और विकास का परिचय कराना। 6. भाषा की शुद्धता के प्रति छात्रों को जागृत करना। |
16. |
पेपर नं. 16 (सत्र-6 ) ‘भाषा विज्ञान एव हिंदी व्याकरण’ |
1. भाषा विज्ञान का सामान्य परिचय कराना। 2. भाषविज्ञान के समस्त अंगों का परिचय कराना। 3. भाषा विज्ञान का अन्य ज्ञान- विज्ञानों से सम्बन्ध का परिचय देना। 4. भाषा विज्ञान की वैज्ञानिक सीमा एवं व्याप्ति का परिचय कराना। 5. मानक िंहंदी वर्तनी और व्याकरण से छात्रों को परिचित कराना। 6. भाषा वैज्ञानिक दृष्टि से भाषा की शुद्धता का परिचय कराना। |
Sr.No | Date | Event/Activity Name | Report |
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